तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान ॥ लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे । लाये संजिवन प्राण उबारे ॥ नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥ उठु उठु चलु तोहि राम दुहाई, पांय परौं कर जोरि मनाई । बालाजी https://finnvncoa.blog-eye.com/32907053/indicators-on-hanuman-chalisa-you-should-know