१. श्वेत पुनर्नवा वनस्पति (vanspati) की जड़ को दूध के साथ घिसकर पिलाने से स्त्री को गर्भ ठहरता है ।
२. श्वेत रांगणी वनस्पति (vanspati) मूल पुष्य नक्षत्र में लेकर एक वर्ण की गाय के दूध में पिए तो बंध्या भी पुत्रवती होती है ।
३. श्रवण नक्षत्र में आंवली की जड़ नागर बेल के रस में पिए तो स्त्री नवयौवन होती है ।
४. अनुराधा नक्षत्र में चमेली वनस्पति की जड़ को लाकर सर पर रखे तो शत्रु भी मित्र... https://www.aghortantra.com/vanspati/