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Ashok Vriksh ke Chamatkari Upay

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किसी भी शुद्ध मुर्हूत में अशोक वृक्ष (ashok vriksh) की जड़ को निकाल लें । जड़ को निकाल उसे स्वच्छ जल अथवा गंगा जल से शुद्ध करके । अपने पूजा के स्थल में माँ दुर्गा के मन्त्र से 108 बार जाप करें । इसके बाद इस मूल जड़ को लाल कपड़े या लाल धागें में शरीर पर धारण करने से कार्यो में शीघ्र ही सफलता मिलने लगती है । इसकी मूल जड़ को शुद्ध करके तकिये के अन्दर रखने से वैवाहिक जीवन में परस्पर प्रेम... https://www.aghortantra.com/ashok-vriksh/

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