अपने दुर्भाग्य को दूर करने के लिए शकुन, अन्धबिश्वास आदि जैसी बातों से अलग अनेक गुह्य बिद्याओं का सहारा लेना मनुष्य की प्रबृति है । इसके लिए उत्तर भारत के प्राचीन ग्रन्थो समरांगण सूत्रधार, बिश्वकर्मा बास्तुशास्त्र तथा दक्षिण भारत के ग्रन्थ मानसार आदि के अनुसार एक बिद्या “बास्तु ज्योतिष (vastu jyotish)” का पादुर्भाब हुआ । ज्योतिष के नियमों से अलग इनमे भबन निर्माण के लिए भूमि, मिट्टी परी... https://www.aghortantra.com/vastu-jyotish/