हाथों को देखते समय यह मंत्र बोलना चाहिए –
“कराग्रे वसति लक्ष्मी: करमध्ये सरस्वती। करमूले तू गोविंद: प्रभाते करदर्शनम्॥”
इस मंत्र में बताया गया है कि हमारे हाथों के अग्रभाग (आगे) की ओर महालक्ष्मी का वास होता है । हाथ के मध्यभाग में सरस्वती और हाथ के मूलभाग में भगवान विष्णु का वास होता है। अत: प्रात:काल दोनो हाथों के दर्शन करना चाहिये ।
यह सुबह जागने का मंत्र (subah jaagne ka mantra... https://www.aghortantra.com/subah-jaagne-ka-mantra/