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Panchaanguli Mantra Prayog

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पंचान्गुली देबी का स्थान अपने हस्त में माना गया है, अत: इसकी उपासना हस्त नक्षत्र से ही आरंभ करनी चाहिये । कार्तिक मास के हस्त नक्षत्र से साधना प्रारंभ कर मार्गशीर्ष के हस्तनक्षत्र तक करें । एक माला प्रतिदिन करें । हबनादि कर कन्या भोजन कराये । जप शुरू करते समय पंचमेबा की दस आहुति अबश्य देबे । हाथ की पांच अंगुलियों का प्रतीक देबी का चित्र बनाकर पट्टे पर रखें । देबी का स्थान हाथ के मध... https://www.aghortantra.com/panchaanguli-mantra/

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