इस श्मशान यक्षिणी की साधना में स्थित किसी श्मशान में बैठ कर करें । स्मय 11 बजे उपरान्त साधक अपना मुख पूर्ब या दखिण की और रखें । साधक नग्न (निर्बस्त्र) होकर साधना करें । इस साधना मे हड्डियों की माला ली जाती है । उपरोक्त मंत्र को 1 लाख 11 ह्जार की संख्या में जपते रहने से मंत्र जप पुर्ण होने से पहले ही देबी साधक को संकेत देती है और जप पुर्ण होने पर प्रसन्न होकर दर्शन देती है । उस समय उसक... https://www.aghortantra.com/shamshan-yakshini-siddhi-sadhana/