पहले किसी पीर की दरगाह पे जाके आज्ञा अनुमति ले ! वहा हलवा और फूल चड़ाए ।
शुक्रवार को चाँद निकलने के बाद जौ के सवा किलो आटे से एक पुतला बनाओं जिसे की हाजरात कहा जाता है, ये हाजरात प्रत्यक्षीकरण क्रिया शहर या गाँव के बाहर किसी मजार पर जाकर संपन्न की जा सकती है । टोंटीदार लोटे में पानी अपने साथ लेजाकर अपने हाथ पाँव, मुह धो ले और लुंगी तथा जाली दर बनियान या कुरता धारण करे रहे , यदि हरा आ... https://www.aghortantra.com/hazrat-pratyakshikaran-prayog/