मंत्र :”याही सार सार सार, जिन्न देब परी नबस्कं फार।
एक खाय दूसरे को फार। चहुं और अमिया पसार, मुलायक अस
चार। दुहाई दस्त्खे जिब्राइल । बाईं बे खैभि काइल,
दाईं दस्न –दस्न।हुसैन पीठ खदे खई । आमिल कलेजे राखे इज्राइल ।
दुहाई मुहम्मद अली लाहइलाह की । कंगुर लिल्लाह की खाई,
हजरत पैगम्बर अली की चौकी । नखत मुहम्मद रसुलिल्लाह की दुहाई ।।” https://www.aghortantra.com/hazrat-paigambar-ali-ki-chauki-ka-mantra/