आप सभी को तो पता ही होगा कि राजा दक्ष ने एक बार यज्ञ का आयोजन किया था, उस समय शिव जी को आयोजन में आमंत्रित नहीं किया गया था, और दक्ष की पुत्री सती इससे व्यथित हो गई और यज्ञ कुंड में कूद कर अपने प्राण त्याग दी। जिससे शिवजी क्रोधित हो गए और चारों तरफ बिजली के कड़कने की आवाज और पेड़ के पत्ते झड़ने लगे समुद्र में तूफान आने लगा, उसी क्रोध के आवेश में भगवान शिव जी ने अपनी जटा की एक लटको तोड... https://www.aghortantra.com/vetal-siddhi-sadhna/