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Bir Birahna Ki Siddhi

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“बीर बिरहना फुल बिरहना धुं धुं सबा सेर का तोसा खाय अस्सी कोस का धाबा करें। सात सौ कुतक आगे चले सात सौ कुतक भागे चलें सात सौ कुतक पीछे चलें। छपन सौ छुरी चले। बाबन सौ बीर चले। जिसमें गड गजनी का पीर चले और की भूजा उखाडता चले। अपनी भुजा टेकता चले। सूते को जगाबता चले। बैठे को उठाबता चले। हाथों में हथकडी गेरे, पैरों में पैर कडा गेरे। हलाल माहीं ढीठ करें। मुरदार माहीं पीठ करे। बल बान ... https://www.aghortantra.com/bir-birahna-ki-siddhi/

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