“कागद कोरो कोरे पे हाथ बीर बताये, तन की बात,
कौन कौन की बताये, भूत की पलीत की,
अखने की मखने की रोग की भोग की, मूढ की
दीढ की चौकी की मौकी की, मसान की मन्तर
की, एक एक की मन की बात, कोरे कागज पर
लिखकर न बताये तो बीर न कहाये
बजंरग का घोटा खाय आखिर में चमार की
नांद में जाय। माता हिंगलाज राखे मेरी लाज।।” https://www.aghortantra.com/beer-mantra/