शांति और बापसी मंत्र :”ॐ बज्र मुष्ठि, बज्र किबाड। बज्र बांधौ दश द्वार, बज्र
पणि पिबेच्चांगे। डाकिनी डापिनी रक्षोब सर्बागे।
मंत्र जयो शत्रु भयो। डाकिनी बायो, जानु बायो।
कालि कालि शामनते, ब्रह्मा की धीशु साशु।
डाकिनी मिलि करि। मोरे जीड घात करेती।
पत्ने पानी करे, गुआ कर। याने करे, सूते करे।
परिहासे करे, नयन कटाक्षि करे। आपो न हाते, परहाते।
जियति संचारे, किलनी पोतनी, अनिन्तुषबरी कर... https://www.aghortantra.com/kiye-karaye-ki-shanti-hetu-mantra/