मंत्र : “अब पारिस संभ्रम कायबेध ,छेद का ज्ञान बिज्ञान ,फूटे ।
अमुकार गाय हंका चंडी तो , हमारे माशील पाथर परे ।
अमुकार गासे मारैस समारै, रोडांब उल्टा बेधे। बिरूपाक्ष
बिराली ,उल्टा बेधे – पिण्डोमानायै। मोरे पिंडे करे, घा उल्टा
बेधे । डांक्तुलखा: फोड़ – फोड़ ,दंडी बिरुपाक्षरे आज्ञा।।” https://www.aghortantra.com/tantrik-bandhan-nashak-mantra/