श्री दुर्गा मंत्र –
“अहं बिभूत्या बहुभिरिह रूपैर्यदास्थिता ।
तत्संहंत मयैकैब तिष्ठाम्याजौ स्थिरो भब ।।”
1. जल बर्षा स्तम्भन – उपर्युक्त श्लोक में “ह्लीं” का सम्पुट लगाकर पाँच माला मंत्र का जप करे । इससे जल प्रबाह अथबा बर्षा का स्तम्भन होता है ।
2. चित स्तम्भन – उपर्युक्त श्लोक में “ह्लीं” का सम्पुट लगाकर ग्यारह माला का जप करने से किसी भी ब्यक्ति के मन की गति का स्तम्भन किया ... https://www.aghortantra.com/shri-durga-saptashati-stambhan-mantra/