विद्वेषण मंत्र: “ऐ ह्रीं क्लीं या देबी सर्बभूतेषु भ्रान्ति रूपेण संस्थिता ।
अमुकस्य अमुकेन सह बिद्द्वेषण कुरु कुरु क्लीं ह्रीं ऐ स्वाहा ।।
उपर्युक्त दुर्गा विद्वेषण मंत्र (Shri Durga Saptashati Vidveshan Mantra) का ग्यारह माला जप प्रतिदिन, सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त के मध्य किसी भी समय, रुद्राक्ष की माला से चालीस दिन तक करें । माँ की कृपा से कार्य अबश्य ही सम्पन्न होगा ।
जप से ... https://www.aghortantra.com/shri-durga-saptashati-vidveshan-mantra/