मंत्र : “क्रीं, हूँ, स्त्री, ह्रीं, फट् यह पंचाक्षरी मंत्र हैं ।”
मूलमंत्र से षडड्ग़न्यास करके शिर में १२ बार कुल्लुका मंत्र (Kali Kullukaadi Mantra) का जप करे ।
सेतु :- “ॐ” इस मंत्र को १२ बार हृदय में जपे। ब्राह्मण एबं क्षत्रियों का सेतु मंत्र “ॐ” हैं । बैश्यों के लिये “फट्” तथा शूद्रों के लिये “ह्रीं” सेतु मंत्र हैं। इसका १२ बार हृदय में जप करें ।
महासेतु : “क्रीं” इस महासेत... https://www.aghortantra.com/kali-kullukaadi-mantra/