मंत्र :- “ॐ नम: कालिकायै सर्बाकर्षिणयै अमुकीमाकर्षयाकर्षय शीघ्रमानयानय आं ह्रीं क्रों भद्रकाल्यै नम:”
इसके बाद पचास कने के फलों से अं अमुकीमाकर्षय आकर्षय नम: ।
आं अमुकीम्…… ईत्यादि पचास वर्णपूर्बक पचास मंत्रो से एक एक मंत्र द्वारा या प्रति पुष्प से उस आकार की पूजा करें । इसके बाद धूप दीप और नैवेद्य देकर उसके आगे अग्नि की स्थापना करे । घी से सिक्त चने तथा मधु द्वारा इस मंत्र का स... https://www.aghortantra.com/kaalika-aakarshan-mantra/