कन्कालिनी साधन मंत्र :“क्रीं क्रीं कालिके कंकालि स्वाहा ।”
Kankalini Sadhana Vidhi :
दिन के समय नदी तट पर जाकर स्नान कर, दिव्य पुष्प, माँस, मद्य, रक्त आदि उपहारों तथा नृत्य गीतादि सहित कुलदेबी का पूजन करें । फिर कुलनरस का पान करके, उक्त मंत्र (Kankalini Sadhana Mantra) को 2000 की संख्या में जपे ।
जप की समाप्ति पर कंकालिनी देबी साधक को दर्शन तथा अभीप्सित बर देकर चली जाती है । दे... https://www.aghortantra.com/kankalini-sadhana/